मिताली मर गयी

मिताली मर गयी मिताली मर गयी।  अभी पिछले महीने ही तो मिली थी. मेट्रो में. जब मैं ऑफिस से घर वापस आ रही थी. तभी स्टेशन पर मुलाकात हुई. मेट्रो इतनी भरी हुई थी. ऐसा लग रहा था की पूरी … Continue reading मिताली मर गयी

एक थी मेहरुनिसा

आज शाम को दफ्तर से जल्दी निकलना था. रोज़ रोज़ झूठ बोलना अच्छा नहीं लगता था. पर क्या करती? पंडित जे ने कहा था की रोज़ शाम को चार बजे स्पेशल पूजा होगी उन महिलाओं  के लिया जिनका विवाह नहीं हो पा रहा है.  अब शादी तो करनी ही थी. शादी  नहीं हुई तो सब यहीं सोचेंगे के मुझमें ही कोई कमी होगी. एक तो मेरा बकबकिया स्वभाव ऊपर से काला रंग और उसके ऊपर से है यह मोटापा। अगर कमी थी भी तो किसी को कहने का मौका क्यों दिया जाए। और माँ -बाप भी कब तक ३० वर्ष की लड़की को … Continue reading एक थी मेहरुनिसा

आज छत पर

शायद ज़िन्दगी के वो पल सबसे अच्छे होते हैं जब हम आने वाले कल या गुज़रे हुए कल के बारे में नहीं सोचते.जब हम अपनी ज़िन्दगी को एक्सपेक्टेशंस के तराज़ू पर नहीं तोलते. हम यह नहीं सोचते की आने वाला … Continue reading आज छत पर