एक थी मेहरुनिसा
आज शाम को दफ्तर से जल्दी निकलना था. रोज़ रोज़ झूठ बोलना अच्छा नहीं लगता था. पर क्या करती? पंडित जे ने कहा था की रोज़ शाम को चार बजे स्पेशल पूजा होगी उन महिलाओं के लिया जिनका विवाह नहीं हो पा रहा है. अब शादी तो करनी ही थी. शादी नहीं हुई तो सब यहीं सोचेंगे के मुझमें ही कोई कमी होगी. एक तो मेरा बकबकिया स्वभाव ऊपर से काला रंग और उसके ऊपर से है यह मोटापा। अगर कमी थी भी तो किसी को कहने का मौका क्यों दिया जाए। और माँ -बाप भी कब तक ३० वर्ष की लड़की को … Continue reading एक थी मेहरुनिसा